हरियाणा में लाखों युवा सरकारी नौकरी के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सभी युवा राज्य में होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे इसके जरिए सरकारी नौकरी की प्रक्रिया में शामिल हो सकें। हालांकि, CET में कुछ सुधार करने का प्रस्ताव है, परंतु अभी तक हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने इस संबंध में कोई ठोस प्रस्ताव राज्य सरकार को नहीं भेजा है।
हरियाणा सरकार फिलहाल इस विषय पर असमंजस में है कि CET को किस प्रकार के नियमों के अंतर्गत संचालित किया जाए। विशेष रूप से यह सवाल है कि क्या केवल योग्य उम्मीदवारों के लिए ही परीक्षा होनी चाहिए, या फिर इसका दायरा बढ़ाकर ज्यादा युवाओं को परीक्षा में बैठने का मौका देना चाहिए।
CET में बदलाव की उम्मीदें
हरियाणा में CET को लेकर पिछले कुछ समय से कई मुद्दे सामने आए हैं। जिनमें से एक प्रमुख मुद्दा यह है कि Group C की नौकरियों के लिए CET को सिर्फ एक निश्चित संख्या में उम्मीदवारों के लिए सीमित किया जाए या सभी उम्मीदवारों को मौका दिया जाए। हाल ही में आयोजित एक बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने सुझाव दिया कि अधिक से अधिक युवाओं को परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाना चाहिए ताकि रोजगार की प्रक्रिया में अधिक उम्मीदवार हिस्सा ले सकें।
मुख्यमंत्री के इस सुझाव के बावजूद, राज्य सरकार ने अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। CET को और भी अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें कई संभावित सुधारों पर विचार किया जा रहा है।
युवाओं की अपेक्षाएं
हरियाणा के युवाओं में CET को लेकर खासा उत्साह है, क्योंकि इस परीक्षा से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। CET के जरिए राज्य में कई प्रकार की सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती की जाती है, जिससे युवाओं को एक उचित करियर बनाने का मौका मिलता है। इसी कारण लाखों युवा CET की तैयारी में लगे हुए हैं, लेकिन परीक्षा की तारीख अभी तय नहीं हो पाई है।
हरियाणा के विभिन्न जिलों में, जहां युवा CET की तैयारी कर रहे हैं, वहां उनके बीच काफी उत्साह और तनाव दोनों देखने को मिल रहा है। कई युवाओं का कहना है कि वे इस परीक्षा का इंतजार काफी समय से कर रहे हैं और उन्हें आशा है कि CET में सुधार के बाद परीक्षा का आयोजन शीघ्र ही किया जाएगा।
सरकार के सामने चुनौतियाँ
CET को सफलतापूर्वक संचालित करना हरियाणा सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। राज्य में बेरोजगारी का दर बढ़ता जा रहा है, जिससे युवाओं के बीच निराशा का माहौल है। ऐसे में, CET को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है, ताकि उम्मीदवारों का चयन उनके कौशल और योग्यता के आधार पर हो सके।
एक अन्य चुनौती यह भी है कि CET के संचालन में आने वाली तकनीकी और प्रशासनिक समस्याओं का समाधान किया जाए। कई उम्मीदवारों का मानना है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है ताकि सभी युवाओं को समान अवसर मिल सके। इसके अलावा, सरकार को यह भी देखना होगा कि CET में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार या अनुचित प्रक्रिया न होने पाए।
क्या बदलाव किए जा सकते हैं?
सूत्रों के अनुसार, सरकार कुछ सुझावों पर विचार कर रही है। इनमें CET के मानदंडों में सुधार करना, परीक्षा का स्वरूप बदलना, उम्मीदवारों की संख्या को बढ़ाना और ग्रुप सी पदों के लिए चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना शामिल है।
CET में संभावित सुधार के लिए राज्य सरकार कई विशेषज्ञों और शिक्षाविदों से विचार-विमर्श कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि हरियाणा के युवा सरकारी नौकरियों में अधिक से अधिक अवसर प्राप्त कर सकें।
युवाओं की अपील
हरियाणा के कई युवा सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हुए सरकार से अपील कर रहे हैं कि CET का आयोजन शीघ्र कराया जाए। उनका मानना है कि परीक्षा में देरी से उनकी मेहनत और तैयारी पर असर पड़ता है। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि परीक्षा की प्रक्रिया को सुचारु रूप से आयोजित किया जाए ताकि सभी योग्य उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल होने का मौका मिले।
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CET के माध्यम से हरियाणा सरकार युवाओं के रोजगार के सपने को साकार करने का प्रयास कर रही है। हालांकि, इस परीक्षा को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सुधार की आवश्यकता है। लाखों युवा CET का इंतजार कर रहे हैं, और सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही इस पर निर्णय लेकर युवाओं के सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा।