Vinesh phogat , भारत की जानी-मानी महिला पहलवान और वर्तमान में हरियाणा की राजनीतिक हस्ती, हाल ही में अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट के कारण चर्चा में आई हैं। इस पोस्ट में उन्होंने एक भावुक शायरी के साथ अपनी तस्वीर साझा की, जिसमें उनके शब्दों ने इशारा किया कि शायद उनके मन में अब भी कुश्ती के प्रति जोश बाकी है। इस शायरी में उन्होंने लिखा:
“मान लिया तू है आज थक गया, मान लिया तू है आज घायल परिंदा, पर हौसला तुझमें अब भी बाकी है, लक्ष्य के लिए अब भी तू है जिंदा।”
इन शब्दों ने कई प्रशंसकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वह फिर से कुश्ती में वापसी करेंगी। इस पोस्ट पर उनकी करीबी दोस्त और ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने भी लाइक किया, जिससे कयास और भी बढ़ गए। यह पहली बार नहीं है जब विनेश ने इस तरह के संकेत दिए हैं।
ओलंपिक में विनेश का सफर: गौरव से लेकर दुख तक
Vinesh phogat भारतीय कुश्ती में ऐतिहासिक प्रदर्शन कर चुकी हैं। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के साथ-साथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचने वाली वह पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 में उन्होंने जापान की विश्व चैंपियन युई सुसाकी को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। इससे भारतीयों की उम्मीदें बढ़ गई थीं कि वे इतिहास रचेंगी।
लेकिन फाइनल मुकाबले से ठीक पहले, उनका वज़न 100 ग्राम ज्यादा निकला, जिसके कारण उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर इस तरह का झटका बहुत दर्दनाक था। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों के अनुसार, अगर कोई खिलाड़ी वजन माप में तय सीमा से बाहर होता है, तो उसकी सभी पूर्व जीत भी निरस्त मानी जाती है। विनेश ने इस फैसले को चुनौती देने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने उनकी अपील को खारिज कर दिया। भारत लौटने पर उनका भव्य स्वागत हुआ, और उनके संघर्ष को देखते हुए उन्हें हीरो की तरह सम्मानित किया गया।
राजनीति में नई शुरुआत
कुश्ती में निराशा का सामना करने के बाद, विनेश ने राजनीति में कदम रखा। कांग्रेस पार्टी से जुड़कर उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना सीट पर चुनाव लड़ा और बीजेपी के योगेश बजरंगी को हराया। यह एक बड़ी उपलब्धि थी और इससे उन्होंने साबित कर दिया कि वे सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक सशक्त नेता भी हैं।
विनेश हरियाणा की पहली महिला पहलवान नहीं हैं जिन्होंने राजनीति में कदम रखा है। उनकी चचेरी बहन बबीता फोगाट भी 2019 में चर्खी दादरी से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली थी। विनेश का राजनीति में आना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि इससे हरियाणा के अन्य युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिली कि वे खेल के अलावा भी अपना करियर बना सकते हैं।
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क्या है वापसी की संभावना?
5 नवंबर, 2024 को की गई विनेश की इंस्टाग्राम पोस्ट ने उनकी कुश्ती में वापसी की अटकलों को बढ़ावा दिया है। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर वापसी की बात नहीं कही, लेकिन उनके शब्दों में छुपे आत्मविश्वास और जुनून ने उनके प्रशंसकों के मन में उम्मीदें जगा दी हैं।
Vinesh phogat का जीवन संघर्ष और दृढ़ता का प्रतीक है। ओलंपिक में मिले झटके और राजनीति में मिली सफलता ने उन्हें एक नया आयाम दिया है। कुश्ती में उनका करियर और अब उनकी राजनीतिक पहचान, दोनों ने मिलकर उन्हें एक ऐसा व्यक्ति बनाया है जो कभी हार नहीं मानता। उनके चाहने वाले बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि क्या वह एक बार फिर कुश्ती के अखाड़े में लौटेंगी या राजनीति में ही अपना सफर जारी रखेंगी।
Vinesh phogat ने अपनी मेहनत और संघर्ष से भारतीय खेल जगत में एक मिसाल कायम की है। चाहे वह कुश्ती में हो या राजनीति में, उन्होंने हर चुनौती को आत्मविश्वास से स्वीकारा है। उनकी हालिया पोस्ट ने यह साफ कर दिया है कि वे आज भी अपने लक्ष्यों के प्रति जीवित और प्रेरित हैं।