हरियाणा में धान और बाजरा की फसलों की खरीद बिना किसी रुकावट के जारी है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी हुई है कि किसानों को उनकी मेहनत का फल समय पर और बिना किसी परेशानी के मिल सके। अब तक, किसानों के बैंक खातों में कुल 11,522 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे जमा की जा चुकी है। इसमें से धान की खरीद के लिए 10,510.79 करोड़ रुपये और बाजरा के लिए 1,011.31 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के प्रवक्ता ने मंगलवार को जानकारी दी कि चालू खरीफ सीजन में धान और बाजरा की खरीद प्रक्रिया बहुत ही सुचारू और व्यवस्थित ढंग से चल रही है। प्रवक्ता ने बताया कि अब तक राज्य की मंडियों में 49,79,172 मीट्रिक टन (MT) धान की आवक हो चुकी है, जिसमें से 48,57,405 मीट्रिक टन धान की खरीद सफलतापूर्वक की जा चुकी है। यह इस बात को दर्शाता है कि सरकार की नीतियाँ और प्रबंधन सही दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
ऑनलाइन गेट पास से किसानों को राहत
खरीद प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार ने किसानों के लिए ऑनलाइन गेट पास की सुविधा शुरू की है। इससे किसानों को मंडियों में प्रवेश करने और अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी से बचने में मदद मिल रही है। यह प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी और कुशल है। किसानों को अब लंबी कतारों में खड़े होने या कागजी कार्यवाही में समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। वे ऑनलाइन गेट पास के जरिए बिना किसी झंझट के अपनी फसल बेच सकते हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
धान की फसल की खरीद के लिए सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने का निर्णय लिया है। सामान्य धान के लिए MSP 2,300 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि ग्रेड-ए धान के लिए MSP 2,320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह समर्थन मूल्य किसानों को उनकी मेहनत के लिए उचित लाभ सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि MSP के तहत भुगतान में कोई देरी न हो और राशि सीधा किसानों के बैंक खातों में जमा हो जाए।
बाजरा की खरीद भी तेज़ी से हो रही
धान के साथ-साथ बाजरा की खरीद भी तेज़ी से चल रही है। बाजरा किसानों को भी सरकार ने समय पर भुगतान देने की व्यवस्था की है। अब तक बाजरा किसानों के खातों में कुल 1,011.31 करोड़ रुपये की राशि जमा की जा चुकी है। बाजरा की खरीद प्रक्रिया को भी पारदर्शी और सरल बनाया गया है, ताकि किसान आसानी से अपनी फसल मंडियों में बेच सकें। सरकार के इस प्रयास से किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने में मदद मिल रही है।
कुरुक्षेत्र में सबसे अधिक धान की आवक
खरीद प्रक्रिया में कुरुक्षेत्र जिला सबसे आगे है। प्रवक्ता ने बताया कि अब तक सबसे अधिक धान की आवक जिला कुरुक्षेत्र की मंडियों में हुई है। यहाँ कुल 9,90,294 मीट्रिक टन धान आया है, जो राज्य में धान की कुल आवक का सबसे बड़ा हिस्सा है। कुरुक्षेत्र में खरीद प्रक्रिया को कुशल बनाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। मंडियों में किसानों को पानी, छाया, बैठने की व्यवस्था और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।
सरकार की ओर से सुविधाओं का ध्यान
मंडियों में किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने हर संभव प्रयास किया है। मंडियों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें पानी, छाया, बैठने की उचित व्यवस्था और तौल मशीनों का सुचारू संचालन शामिल है। इसके अलावा, मंडियों में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह सब व्यवस्थाएं किसानों को संतुष्ट करने के लिए की गई हैं, ताकि वे बिना किसी चिंता के अपनी फसल बेच सकें।
वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी
खरीद प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए वरिष्ठ अधिकारी भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं भी किसी प्रकार की समस्या न हो और खरीद प्रक्रिया सही ढंग से चलती रहे। सरकार का पूरा प्रयास है कि किसानों को उनकी फसल का मूल्य समय पर और बिना किसी रुकावट के मिले। अधिकारी मंडियों का नियमित दौरा कर रहे हैं और किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान कर रहे हैं।
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किसानों के लिए राहत और संतोष
किसानों को यह जानकर राहत और संतोष हो रहा है कि उन्हें समय पर भुगतान मिल रहा है। सरकार का यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद कर रहा है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि किसान अपनी अगली फसल की तैयारी अच्छे से कर सकें। इस पारदर्शी और तेज़ प्रक्रिया से किसानों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।
हरियाणा में धान और बाजरा की खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से सुचारू है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिले। चाहे वह ऑनलाइन गेट पास हो या MSP पर खरीद, हर कदम किसानों की भलाई के लिए उठाया गया है। इस समय पर मिलने वाले भुगतान और पारदर्शी प्रक्रिया से किसान काफी संतुष्ट हैं और उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल रहा है।