Haryana Patwari News:Corruption related cases are continuously increasing in Haryana. A secret letter recently released by the Revenue Department has made shocking revelations of corruption in the Tehsil and Patwari offices of the state. It has been told in this letter that 404 brokers are active in the Tehsil and Patwari offices of the state.
हरियाणा में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजस्व विभाग की ओर से हाल ही में जारी एक सीक्रेट लेटर ने राज्य के तहसील और पटवारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस लेटर में बताया गया है कि प्रदेश के तहसील और पटवारी कार्यालयों में 404 दलाल सक्रिय हैं, जो लोगों के काम करवाने के बदले अवैध रूप से पैसे वसूल रहे हैं। इन दलालों में से कुछ राजस्व विभाग के कर्मचारी भी हैं, जो इस पूरे गोरखधंधे को बढ़ावा दे रहे हैं।
दलाली के खेल का पर्दाफाश
20 जनवरी को राजस्व विभाग की ओर से जारी किए गए इस लेटर के अनुसार, कई कार्यालयों में तहसीलदार और नायब तहसीलदार के नाम पर दलाल पैसे लेकर लोगों के काम कर रहे हैं। ये दलाल काम करवाने के बदले 2 से 5 हजार रुपये तक वसूलते हैं। मजबूरी में लोग अपने जरूरी काम करवाने के लिए इन दलालों की सेवाएं लेने को मजबूर हो रहे हैं।
पलवल में 17 दलालों की लिस्ट
पलवल जिले में दलालों की सक्रियता को लेकर खासतौर पर एक लिस्ट जारी की गई है। इस लिस्ट में 17 दलालों के नाम शामिल हैं। इनके बारे में बताया गया है कि ये तहसीलदार और नायब तहसीलदार के नाम पर लोगों से पैसे वसूलते हैं।
सीसीटीवी से निगरानी के निर्देश
राजस्व विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ACS) ने इस समस्या को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि सभी तहसील और पटवारी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि इन दलालों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। इसके अलावा, कार्यालयों में दलालों की एंट्री पूरी तरह से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
15 दिन में रिपोर्ट सौंपने के आदेश
लेटर में यह भी कहा गया है कि सभी जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को 15 दिन के भीतर इन दलालों के खिलाफ उठाए गए कदमों की रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। यह रिपोर्ट भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जरूरी मानी जा रही है।
भ्रष्ट पटवारियों की पहले भी आई थी सूची
17 जनवरी को राजस्व विभाग ने प्रदेश के 370 पटवारियों को भ्रष्ट करार देते हुए उनकी सूची जारी की थी। इन पटवारियों पर पैमाइश, इंतकाल, रिकॉर्ड ठीक करने और नक्शा पास कराने जैसे कामों के लिए रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। इनमें से 170 पटवारी तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपने निजी सहायक तक रखे हुए हैं, जो रिश्वत वसूलने का काम करते हैं।
निजी मकानों में ऑफिस का खुलासा
राजस्व विभाग की खुफिया रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कई पटवारियों ने अपने निजी मकानों में ऑफिस खोल रखे हैं। इन ऑफिसों में उनके असिस्टेंट लोगों से रिश्वत वसूलते हैं। सरकार ने ऐसे पटवारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख
राजस्व विभाग के ACS ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को यह निर्देश दिया है कि इन भ्रष्ट कर्मचारियों और दलालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही 15 दिन के भीतर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाए।
सरकार की सख्ती पर सवाल
हालांकि, पलवल के डीसी डॉ. हरीश कुमार ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार या उनकी ओर से इस प्रकार का कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। इससे साफ है कि भ्रष्टाचार के इन मामलों पर कार्रवाई को लेकर प्रशासनिक स्तर पर असमंजस की स्थिति है।
जनता में रोष
राजस्व विभाग के इन खुलासों के बाद जनता में रोष देखने को मिल रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक उन्हें अपने छोटे-छोटे कामों के लिए रिश्वत देनी पड़ेगी? सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के वादे तो किए जाते हैं, लेकिन जमीन पर इसका असर कम ही दिखता है।
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भविष्य की उम्मीदें
हरियाणा सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हो सकता है। लेकिन यह तभी संभव है, जब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। दलालों और भ्रष्ट कर्मचारियों को खत्म करने के लिए जनता और सरकार को मिलकर काम करना होगा।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन निर्देशों को कितनी गंभीरता से लागू करती है और भ्रष्टाचार के इस गंदे खेल पर कब तक पूरी तरह से रोक लगा पाती है।