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हरियाणा में ग्रुप C और D के लिए CET अनिवार्य, लेकिन परीक्षा और रजिस्ट्रेशन में देरी से बेरोजगार युवाओं में चिंता

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हरियाणा में ग्रुप C और D के लिए CET अनिवार्य, लेकिन परीक्षा और रजिस्ट्रेशन में देरी से बेरोजगार युवाओं में चिंता
हरियाणा में सरकारी नौकरियों के लिए ग्रुप C और ग्रुप D पदों पर भर्ती के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार का यह कदम नौकरियों में पारदर्शिता और भर्ती प्रक्रिया को तेज करने के लिए उठाया गया है। परंतु CET परीक्षा अब तक सिर्फ एक बार ही आयोजित की गई है, जिससे हजारों उम्मीदवारों में निराशा बढ़ रही है। सरकार ने कहा था कि हर साल CET की परीक्षा आयोजित की जाएगी, लेकिन पिछले तीन साल में केवल एक बार ही यह परीक्षा हुई है।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के माध्यम से CET के तहत ग्रुप C और ग्रुप D के लिए भर्ती की प्रक्रिया चलाई जा रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि इस साल दिसंबर के अंत तक CET का आयोजन कर दिया जाएगा, लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण अब तक परीक्षा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।

लाखों बेरोजगार युवा इंतजार में, बढ़ी निराशा

हरियाणा में सरकारी नौकरियों के लिए बड़ी संख्या में युवा CET के माध्यम से ग्रुप C और ग्रुप D के पदों पर भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। अब तक 10 लाख से अधिक युवा CET के लिए रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं, और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उन्हें परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इनमें से लगभग 3 लाख उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और पिछले तीन साल से भर्ती की प्रतीक्षा में हैं। रजिस्ट्रेशन फॉर्म शुरू न होने के कारण इन युवाओं में चिंता बढ़ती जा रही है।

पिछले साल हुई CET परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल हुए थे, लेकिन इसके बाद से परीक्षा नहीं कराई गई है। जिन उम्मीदवारों ने पहले रजिस्ट्रेशन कराया था, उनकी उम्मीदें धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं। इन युवाओं का मानना है कि यदि हर साल CET परीक्षा कराई जाए तो उन्हें समय पर सरकारी नौकरी का अवसर मिल सकता है।

CET में देरी के कारण: कानूनी और प्रशासनिक चुनौतियां

CET के आयोजन में देरी के पीछे कई कानूनी और प्रशासनिक अड़चनें बताई जा रही हैं। HSSC और सरकार के बीच कुछ नियमों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है, जिसके कारण रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी अटकी हुई है। कुछ कानूनी मुद्दे, जैसे परीक्षा में संशोधन और नियमों में बदलाव, प्रक्रिया में बाधा बने हुए हैं।

CET

सरकार का कहना है कि वह जल्द ही इन कानूनी मुद्दों का समाधान निकालने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री  ने भी कहा था कि यह परीक्षा दिसंबर के अंत तक आयोजित की जाएगी, लेकिन देरी को देखते हुए लगता है कि अब यह परीक्षा अगले साल ही हो पाएगी।

बेरोजगार युवाओं की मुश्किलें बढ़ीं

हरियाणा में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। CET रजिस्ट्रेशन की देरी के कारण 3 लाख से अधिक उम्मीदवारों की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता पिछले तीन साल पहले ही पूरी कर ली थी, लेकिन अब तक भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।

बहुत से उम्मीदवार ऐसे हैं जो निजी क्षेत्र में नौकरी करने के बजाय सरकारी नौकरी में जाने की इच्छा रखते हैं। CET की देरी के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए CET एक अच्छा कदम है, लेकिन इसके आयोजन में हो रही देरी के कारण बेरोजगार युवाओं की निराशा और बढ़ गई है।

सरकार का रुख और आगामी कदम

सरकार का कहना है कि वह इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रयासरत है। HSSC के माध्यम से CET परीक्षा का आयोजन किया जाएगा, लेकिन कानूनी मुद्दों के समाधान के बाद ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी कानूनी अड़चनों को जल्द से जल्द दूर कर लिया जाएगा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सुचारू रूप से शुरू किया जाएगा। सरकार ने युवाओं को आश्वासन दिया है कि CET की देरी अस्थायी है और जल्द ही इसका समाधान निकल जाएगा।

विशेषज्ञों की राय

शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि CET जैसे कदम से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और सरकारी नौकरियों में भर्तियों की प्रक्रिया तेज होगी। लेकिन साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि सरकार समय पर इस परीक्षा का आयोजन करे ताकि युवा अपनी पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के लिए समय पर आवेदन कर सकें।

विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल CET की परीक्षा कराना आवश्यक है ताकि योग्य उम्मीदवारों को समय पर रोजगार मिल सके। यदि सरकार CET को समय पर आयोजित करने में सफल होती है, तो यह राज्य के रोजगार ढांचे को सुधारने में मददगार होगा।

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हरियाणा में CET परीक्षा को लेकर स्थिति अब गंभीर होती जा रही है। लाखों युवा इस परीक्षा के इंतजार में हैं, परंतु कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण यह परीक्षा अभी भी अधर में लटकी हुई है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कानूनी मुद्दों का समाधान कर दिसंबर तक परीक्षा कराई जाएगी, लेकिन अभी भी उम्मीदवारों में अनिश्चितता है।

अब देखना यह है कि सरकार कब तक इस समस्या का समाधान निकाल पाती है और क्या CET परीक्षा समय पर आयोजित हो पाएगी। हरियाणा के बेरोजगार युवाओं की उम्मीदें इस परीक्षा से जुड़ी हैं और यदि समय पर इसे आयोजित किया जाता है तो यह उनके भविष्य के लिए बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

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