Tuesday, February 18, 2025
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Haryana Cyber Fraud: टेस्ट सीरीज खरीदने के चक्कर में साइबर ठगी, 56 हजार रुपये का नुकसान

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Haryana Cyber Fraud: A new cyber fraud case has come to light from Rohtak district of Haryana. Here Hitesh Kumar, resident of Makdauli Kalan, was cheated of Rs 56 thousand. Hitesh had tried to buy a test series to prepare for competitive exams. For this he paid only Rs 1 through Telegram app.

साइबर ठगी का नया तरीका
हरियाणा के रोहतक जिले से एक नया साइबर ठगी का मामला सामने आया है। यहां मकडौली कलां निवासी हितेश कुमार के साथ 56 हजार रुपये की ठगी हो गई। हितेश ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए एक टेस्ट सीरीज खरीदने का प्रयास किया था। इसके लिए उन्होंने टेलीग्राम ऐप के माध्यम से केवल 1 रुपये का भुगतान किया। लेकिन इसी बहाने ठगों ने उनके खाते से लगातार पैसे निकालकर उन्हें 56 हजार रुपये का बड़ा नुकसान पहुंचाया।

कैसे हुआ फ्रॉड?
हितेश कुमार एक निजी कंपनी में काम करते हैं और साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। 15 जनवरी की शाम को उन्होंने टेलीग्राम ऐप पर एक लिंक देखा, जिसमें एसएसएससी टेस्ट सीरीज की पेशकश की गई थी। इस लिंक के माध्यम से उन्होंने टेस्ट सीरीज खरीदने का विचार किया।

लिंक पर क्लिक करने के बाद उन्हें एक QR कोड (स्कैनर) भेजा गया और एक रुपये का भुगतान करने को कहा गया। हितेश ने यूपीआई के जरिए 1 रुपये का भुगतान किया। लेकिन भुगतान के बाद सामने वाले ने कहा कि पैसा प्राप्त नहीं हुआ। इस पर हितेश ने टेस्ट सीरीज खरीदने का विचार छोड़ दिया और इस मामले को नजरअंदाज कर दिया।

हालांकि, 16 जनवरी की सुबह तक उनके बैंक खाते से पैसे कटने लगे। हर तीन घंटे में उनके खाते से रकम कटती रही और सुबह तक 56 हजार रुपये की ठगी हो चुकी थी।

पुलिस ने दर्ज किया मामला
हितेश ने इस घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी। रोहतक के सदर थाने में शिकायत दर्ज की गई और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर सेल के अधिकारी ठगों का पता लगाने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

 

साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस ने आम जनता के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
1. अज्ञात एप्स और लिंक से बचें: किसी भी अज्ञात एप्लिकेशन या लिंक के माध्यम से भुगतान न करें।
2. स्कैनर और यूपीआई लिंक पर सतर्कता बरतें: किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए स्कैनर या यूपीआई लिंक को स्कैन करने से बचें।
3. विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें: ऑनलाइन लेन-देन के लिए केवल प्रमाणित और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।
4. बैंक अलर्ट पर ध्यान दें: अपने बैंक अकाउंट से जुड़े सभी अलर्ट को पढ़ें और संदिग्ध ट्रांजेक्शन पर तुरंत बैंक से संपर्क करें।
5. साइबर हेल्पलाइन का उपयोग करें: किसी भी तरह की साइबर ठगी की स्थिति में राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

जांच जारी, सतर्करहने की अपीलपुलिस ने साइबर ठगों को पकड़ने के लिए जांच तेज कर दी है। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

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साइबर सुरक्षा की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लेन-देन करते समय सतर्क रहना कितना जरूरी है। एक छोटी-सी लापरवाही बड़ी आर्थिक हानि का कारण बन सकती है।

साइबर ठगी के मामलों में वृद्धि चिंताजनक है। ऐसे में जनता को जागरूक और सतर्क रहना बेहद जरूरी है। डिजिटल युग में जहां एक तरफ तकनीक ने हमारे जीवन को आसान बनाया है, वहीं दूसरी तरफ इसके दुरुपयोग के खतरे भी बढ़ गए हैं। इसलिए हर व्यक्ति को ऑनलाइन लेन-देन करते समय पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।

पुलिस और साइबर सेल की सक्रियता और जनता की सतर्कता ही ऐसे मामलों पर लगाम लगा सकती है। इस घटना ने सभी को यह सीख दी है कि किसी भी लिंक या एप पर भरोसा करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच करना बेहद जरूरी है।

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