Thursday, November 21, 2024
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कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024: विद्यार्थियों में गीता के प्रति जागरूकता के लिए विशेष आयोजन

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हरियाणा के ऐतिहासिक शहर कुरुक्षेत्र में इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन 28 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक किया जा रहा है। यह महोत्सव भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता, और ज्ञान का संदेश फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता के उपदेशों को याद किया जाता है। इस आयोजन के माध्यम से न केवल भारत बल्कि दुनियाभर के लोग गीता के महत्व और उसकी शिक्षाओं से जुड़ने का अवसर पाते हैं।

 

इस वर्ष, हरियाणा के शिक्षा विभाग और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी ने इस महोत्सव को और भी खास बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के बीच गीता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष गतिविधियाँ और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी।

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हर वर्ष कुरुक्षेत्र में किया जाता है, क्योंकि यह स्थान महाभारत के युद्ध का साक्षी रहा है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यह महोत्सव भारतीय संस्कृति और गीता के ज्ञान को संपूर्ण विश्व में प्रसारित करने का एक प्रभावी माध्यम है। महोत्सव के दौरान होने वाले विभिन्न कार्यक्रम जैसे योग, प्रवचन, संगोष्ठियाँ, प्रदर्शनी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ लोगों में गीता के प्रति आस्था और उत्साह को बढ़ावा देती हैं।

 

विद्यार्थियों के लिए विशेष कार्यक्रम

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने घोषणा की है कि महोत्सव के दौरान राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में गीता से संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, ताकि विद्यार्थी गीता के महत्व को समझ सकें और उससे प्रेरणा ले सकें।

 

1. गीता ज्ञान प्रतियोगिता: स्कूलों में विद्यार्थियों के बीच गीता के विभिन्न श्लोकों और उनकी व्याख्याओं पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी। इससे विद्यार्थियों को गीता के श्लोकों और उनके अर्थ को समझने का अवसर मिलेगा।

 

2. चित्रकला प्रतियोगिता: इस महोत्सव के उपलक्ष्य में विशेष चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विद्यार्थी भगवान श्रीकृष्ण, महाभारत के प्रसंग, और गीता के विभिन्न संदेशों को अपनी कला के माध्यम से चित्रित करेंगे। इससे न केवल उनकी चित्रकला कौशल में वृद्धि होगी, बल्कि वे गीता के उपदेशों को अपनी रचनात्मकता के माध्यम से व्यक्त भी कर पाएंगे।

 

3. राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताएँ: विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए राज्य स्तर पर कुछ खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। यह न केवल खेलकूद के प्रति बच्चों में रुचि बढ़ाएगा, बल्कि गीता के संदेशों को आत्मसात करने का भी एक माध्यम बनेगा।

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 का यह आयोजन विद्यार्थियों और समाज के लिए एक अनमोल अवसर है।

 

4. गीता पर व्याख्यान और संवाद: विद्यालयों में गीता के विभिन्न श्लोकों के अर्थ और उनकी व्याख्या के लिए विशेष संवाद सत्र और व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को गीता के विभिन्न पक्षों और उनके जीवन में महत्व के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।

 

 आयोजन का उद्देश्य

इस महोत्सव का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को गीता के प्रति जागरूक करना है, बल्कि उनके जीवन में नैतिकता, साहस, और सच्चाई का महत्व भी समझाना है। गीता के उपदेश विद्यार्थियों के मानसिक विकास में सहायक हो सकते हैं और उन्हें चुनौतियों का सामना करने का आत्मबल प्रदान कर सकते हैं।

 

 राज्य और राष्ट्रीय स्तर के विशेष अतिथि

इस महोत्सव में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कई विशिष्ट अतिथि, विद्वान और आध्यात्मिक गुरु भी शामिल होंगे, जो गीता के महत्व और उसकी शिक्षाओं पर अपने विचार साझा करेंगे। इसके साथ ही कई देशों के प्रतिनिधि भी इस महोत्सव का हिस्सा बनेंगे, जिससे गीता का संदेश वैश्विक स्तर पर प्रसारित हो सके।

 

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 स्कूलों में गीता के प्रति जागरूकता का प्रसार

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के इस कदम से विद्यार्थियों में गीता के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ेगी। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को यह समझने का मौका मिलेगा कि गीता न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि जीवन जीने का एक मार्गदर्शन भी प्रदान करती है। गीता में जीवन के कठिन सवालों के सरल उत्तर छिपे हैं, जो विद्यार्थियों को प्रेरित कर सकते हैं और उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक हो सकते हैं।

 

निष्कर्ष

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 का यह आयोजन विद्यार्थियों और समाज के लिए एक अनमोल अवसर है। गीता के संदेशों को आत्मसात कर विद्यार्थी अपने जीवन में सकारात्मकता, अनुशासन, और मानसिक स्थिरता ला सकते हैं। ऐसे महोत्सव हमारे समाज को हमारे महान ग्रंथों के ज्ञान से जोड़ने का कार्य करते हैं और हमारी संस्कृति और परंपराओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाते हैं। सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और समाज के सभी लोगों से अपील की जाती है कि वे इस महोत्सव में शामिल हों और गीता के संदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करें।

 

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