हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 नवंबर से शुरू हो रहा है, जो कि 18 नवंबर तक तीन दिनों के लिए चलेगा। इस सत्र में कुल तीन बैठकें होंगी। विधानसभा अध्यक्ष ने यह जानकारी दी कि यह सत्र केवल प्रश्नकाल के लिए होगा और सुन्यकाल आयोजित नहीं किया जाएगा। कांग्रेस इस बार बिना नेता प्रतिपक्ष के सत्र में उतरेगी, जो विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती साबित हो सकता है।
इस सत्र में विपक्ष का मुख्य एजेंडा DAP खाद की कमी और किसानों की समस्याएं होंगी। इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दल सरकार पर जमकर हमला बोलने की तैयारी में हैं। इससे पहले भी 25 अक्टूबर को विधानसभा सत्र का आयोजन किया गया था, जिसमें अस्थिरता के चलते कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब यह सत्र 13 नवंबर से एक बार फिर शुरू होने जा रहा है।
DAP खाद की कमी पर गर्म होगा माहौल
हरियाणा के किसानों के बीच इन दिनों DAP खाद की कमी को लेकर बड़ा असंतोष देखा जा रहा है। गेहूं की बुवाई के मौसम में DAP खाद की मांग बहुत ज्यादा होती है, लेकिन इस बार हिसार, नारनौल, भिवानी जैसे जिलों में खाद की कमी किसानों के लिए गंभीर समस्या बन गई है। हरियाणा सरकार ने भले ही 25,000 टन से अधिक DAP खाद उपलब्ध होने का दावा किया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। किसानों को बिक्री केंद्रों पर लाइन में खड़ा होने के बावजूद खाद नहीं मिल पा रही है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस और इनेलो ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की है। विपक्ष का मानना है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है और DAP खाद की कमी के कारण किसानों की फसल बुवाई पर असर पड़ सकता है। विपक्ष का यह भी आरोप है कि सरकार की उदासीनता के चलते कालाबाजारी बढ़ रही है और किसानों को उच्च दरों पर खाद खरीदनी पड़ रही है।
बिना नेता प्रतिपक्ष के उतरेगी कांग्रेस
इस बार सत्र में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के बिना हिस्सा लेगी। नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा ने पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व से नाराजगी के चलते सत्र से अलग रहने का फैसला किया। इससे कांग्रेस पार्टी के लिए स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण होगी। हालांकि, कांग्रेस ने यह साफ किया है कि वे DAP खाद के मुद्दे पर पूरी तैयारी के साथ सरकार का विरोध करेंगे।
सत्र की बैठकों का शेड्यूल
इस शीतकालीन सत्र की पहली बैठक 13 नवंबर को होगी, जिसमें सरकार के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस सत्र के दौरान 15 नवंबर को गुरु नानक जयंती के कारण अवकाश रहेगा, और इसके बाद 16 नवंबर को शनिवार और 17 नवंबर को रविवार होने के कारण सत्र की तीसरी बैठक 18 नवंबर को आयोजित की जाएगी। इस प्रकार तीन दिनों का यह सत्र चलने वाला है, जिसमें DAP खाद, पराली जलाने से जुड़ी समस्याएं और किसान मुद्दे प्रमुख रूप से उठाए जाएंगे।
इनेलो का दृष्टिकोण: ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के माध्यम से सरकार को घेरना
इनेलो पार्टी ने भी इस सत्र के लिए अपने दो प्रमुख ध्यानाकर्षण प्रस्ताव तैयार किए हैं। इन प्रस्तावों में पराली जलाने की समस्या, प्रदूषण से संबंधित मुद्दे, और किसानों की समस्याएं प्रमुख हैं। इनेलो के नेता सरकार से यह सवाल पूछने की योजना बना रहे हैं कि वह इन मुद्दों का समाधान कब तक करेगी।
इनेलो का मानना है कि पराली जलाने की समस्या केवल किसानों की नहीं, बल्कि पूरे राज्य की समस्या बन चुकी है। इसका समाधान निकाले बिना सरकार किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है। इनेलो के नेता इस बात पर जोर देंगे कि सरकार को किसानों को आर्थिक सहायता देनी चाहिए ताकि पराली जलाने की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
विपक्ष का सामना करने की तैयारी में सरकार
वहीं दूसरी ओर, राज्य सरकार ने भी विपक्ष के इन हमलों का सामना करने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर रखी है। सरकार का कहना है कि DAP खाद का संकट एक अस्थायी समस्या है, और जल्द ही इसकी आपूर्ति को सुचारू कर दिया जाएगा। सरकार का यह भी कहना है कि पराली जलाने के मुद्दे पर भी वह किसानों को मदद देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है।
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सरकार के अनुसार, किसानों को पराली जलाने के बदले फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है और इसके लिए कई जिलों में अभियान चलाए जा रहे हैं।
हरियाणा विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र बेहद महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। DAP खाद की कमी, किसानों की समस्याएं और पराली जलाने के मुद्दों पर विपक्ष और सरकार के बीच कड़ा टकराव देखने को मिल सकता है। कांग्रेस बिना नेता प्रतिपक्ष के मैदान में है, लेकिन DAP खाद के मुद्दे पर उनके तेवर सख्त हैं। वहीं, इनेलो ने भी किसानों के समर्थन में अपना पूरा जोर लगाया है। इस सत्र से प्रदेश के किसानों को क्या राहत मिलती है, यह देखना दिलचस्प होगा।