हरियाणा और राजस्थान के बीच रोडवेज बसों को लेकर एक गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है। यह मामला तब शुरू हुआ जब हरियाणा पुलिस की एक महिला कर्मचारी ने राजस्थान रोडवेज की बस में यात्रा करते समय 50 रुपए का टिकट न लेने पर विवाद खड़ा कर दिया। इस विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने प्रतिक्रिया स्वरूप राजस्थान रोडवेज की करीब 90 बसों के चालान कर दिए।
विवाद का इतिहास
कुछ दिन पहले, जब महिला पुलिसकर्मी ने टिकट के लिए भुगतान करने से इनकार कर दिया, तो बस चालक ने नियमों का पालन करते हुए उसे टिकट देने की पेशकश की। लेकिन महिला पुलिसकर्मी ने इसे अनसुना कर दिया और इस घटना के बाद विवाद बढ़ गया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद हरियाणा पुलिस ने एक्शन लेते हुए राजस्थान रोडवेज की बसों के चालान करना शुरू कर दिया।
इसके परिणामस्वरूप, राजस्थान में हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान में तेजी आई है। हाल ही में नारनौल डिपो की 14 बसों के चालान किए गए, और 4 बसों को इंपाउंड भी किया गया। इन घटनाओं ने यात्रियों के लिए समस्या उत्पन्न कर दी है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो जयपुर और कोटा जाना चाहते थे।
यात्रियों की कठिनाइयाँ
हरियाणा रोडवेज की बसें नारनौल डिपो से लीज पर चलती हैं, जिसमें 20 बसें शामिल हैं। इनमें से 4 बसें नियमित रूप से राजस्थान के जयपुर और कोटा के लिए जाती थीं। लेकिन हाल के चालानों और इंपाउंडिंग के कारण इन बसों का संचालन बंद हो गया है। नतीजतन, जयपुर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हरियाणा रोडवेज चालक संघ के प्रदेश महासचिव देवेंद्र यादव और महासंघ के जिला प्रधान सुरेश यादव ने कहा कि राजस्थान में हरियाणा रोडवेज बसों के चालान होना अनुचित है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर परिवहन मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलने की योजना बनाई है। उनका कहना है कि राजस्थान में चालान काटने की कार्रवाई पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।
ड्राइवरों की नाराजगी
नारनौल डिपो के ड्राइवरों का कहना है कि पुलिस जानबूझकर हरियाणा रोडवेज की बसों का चालान कर रही है। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि लगातार हो रहे चालानों के कारण उनका काम प्रभावित हो रहा है। चालक संघ के नेताओं ने स्पष्ट किया कि अगर यह स्थिति बनी रही, तो ड्राइवरों का काम करना मुश्किल हो जाएगा।
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उच्चाधिकारियों की पहल
इस विवाद ने अब उच्चाधिकारियों का ध्यान भी आकर्षित किया है। परिवहन विभाग के अधिकारी इस मुद्दे को सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं। नारनौल डिपो के मुख्य महाप्रबंधक अनित कुमार ने कहा कि वे इस समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों से बात कर रहे हैं और जल्द ही कोई समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।
इसके अलावा, रोडवेज कर्मचारियों को कागजात पूरे रखने, वर्दी में रहने और यातायात नियमों का पालन करने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
राजस्थान और हरियाणा के बीच यह विवाद केवल रोडवेज बसों के चालान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों राज्यों के बीच संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो यात्रियों को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। दोनों राज्यों के अधिकारियों को इस समस्या का शीघ्र समाधान निकालना चाहिए ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
यह विवाद इस बात का संकेत है कि राज्यों के बीच आपसी सहयोग और समझदारी की आवश्यकता है, ताकि यात्रियों की सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देना ही भी सही होगा।