कैथल: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। इस हत्याकांड के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक और गिरफ्तारी की है। आरोपी की पहचान हरियाणा के कैथल जिले के 29 वर्षीय अमित कुमार के रूप में की गई है, जो एक क्रिकेट सट्टेबाज बताया जा रहा है। अमित की गिरफ्तारी के साथ ही अब तक इस मामले में 11 आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है, और पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।
कैथल से दूसरी गिरफ्तारी
इससे पहले भी कैथल जिले से एक अन्य आरोपी, शूटर गुरमेल सिंह, को गिरफ्तार किया गया था। मुंबई क्राइम ब्रांच का कहना है कि यह गिरफ्तारी जांच की एक महत्वपूर्ण कड़ी है और इससे कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती हैं। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही वह इस हत्याकांड के मुख्य सरगना तक पहुंच जाएगी। हालांकि, इस मामले में अभी भी कुछ आरोपी फरार हैं, जिनमें से एक प्रमुख शूटर और हत्या की साजिश में शामिल अन्य दो लोग शामिल हैं।
शूटरों की पहचान और फरार आरोपी
बाबा सिद्दीकी की हत्या तीन शूटरों द्वारा की गई थी, जिनमें से दो शूटर—गुरमेल बलजीत सिंह (23) और धर्मराज राजेश कश्यप (19)—को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, तीसरा शूटर, शिवकुमार उर्फ शिवा, अब तक फरार है। पुलिस का कहना है कि शिवकुमार इस हत्याकांड का मुख्य शूटर था और वह फरार होने में कामयाब हो गया। इसके अलावा, इस साजिश में शामिल दो अन्य आरोपी, शुभम सोनकर और मोहम्मद जीशान अख्तर, भी फरार हैं।
हत्या की साजिश और लॉरेंस गैंग की भूमिका
मुंबई पुलिस के अनुसार, बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश पहले से ही रची गई थी। हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है, जिन्होंने महाराष्ट्र में इस हत्या को अंजाम देने की बात कही है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि जीशान अख्तर इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड है। वह जेल में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया था और हत्या की योजना तैयार की। शुभम सोनकर को इस मामले में जीशान और शूटरों के बीच की कड़ी माना जा रहा है, जिसने शूटरों को हत्या की सुपारी दी थी।
हत्या का पूरा घटनाक्रम
यह हत्या बांद्रा ईस्ट में हुई, जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के दफ्तर के पास मौजूद थे। अचानक तीन शूटरों ने उन पर हमला किया और गोलियां चला दीं। इस दौरान बाबा सिद्दीकी के सीने और पेट में तीन से चार गोलियां लगीं, जिसके बाद उन्हें तुरंत मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस प्रकार की घटना ने महाराष्ट्र में राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है, और पुलिस जांच में तेजी लाई गई है।
हत्याकांड की योजना और क्राइम ब्रांच की जांच
मुंबई पुलिस ने खुलासा किया है कि हत्या की योजना पहले से ही बना ली गई थी। आरोपी डेढ़ से दो महीने से बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे और उनके दफ्तर और घर की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। शूटरों को पुणे में रखा गया था और उन्हें हथियार भी कुछ दिन पहले ही उपलब्ध कराए गए थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 9.9 एमएम की दो पिस्तौल और 28 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
मिर्च स्प्रे की योजना और फायरिंग
मुंबई पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि शूटरों ने पहले मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी। उनकी योजना थी कि मिर्च स्प्रे के बाद गोलियां चलाई जाएं, ताकि किसी को बचने का मौका न मिले। लेकिन तीसरा शूटर शिव कुमार गौतम ने मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करने की बजाय सीधे फायरिंग शुरू कर दी, जिससे पूरी घटना ने गंभीर रूप ले लिया। इस दौरान बाबा सिद्दीकी के साथ तीन कांस्टेबल भी मौजूद थे, लेकिन वे हमलावरों को रोकने में नाकाम रहे।
जांच की दिशा
मुंबई क्राइम ब्रांच इस मामले में तेजी से आगे बढ़ रही है और अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी फरार आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा और इस हत्याकांड के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा। इस हत्याकांड ने महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मचा दी है, और सरकार द्वारा अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है।