हरियाणा में एक आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के प्रयास का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी द्वारा जांच की जा रही है। उन्होंने अब तक 19 महिला पुलिस कर्मियों से पूछताछ की है, लेकिन जांच अधिकारी का दावा है कि इस समय तक आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर ‘जय माता दी’ नामक एक ग्रुप में एक पत्र वायरल हो गया है। इस पत्र में यह कहा गया है कि जिन महिला पुलिस कर्मियों से पूछताछ की गई है, वे असली पीड़ित नहीं हैं। इसके अलावा, पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि असली पीड़ित महिला कर्मचारियों पर दबाव डाला जा रहा है और उन्हें पैसे के लिए लालच दिया जा रहा है।
आरोपों की गंभीरता
पत्र के अनुसार, आईपीएस अधिकारी उन महिला कर्मचारियों से माफी मांगने और मामला रफा-दफा करने के लिए 10-10 लाख रुपये तक देने को तैयार है। इस संदर्भ में, दो महिला अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने पीड़ित महिला कर्मचारियों को आईपीएस अधिकारी के पास भेजा और पैसे की पेशकश की।
महिला पुलिस कर्मियों ने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार जांच कराएगी, तो पीड़िताएं अपने साथ हुई घटनाओं के बारे में खुलकर बोलने को तैयार हैं। वे एक ऐसे वातावरण की मांग कर रही हैं जिसमें वे अपनी बात बिना किसी दबाव के रख सकें।
महिला आयोग की संज्ञानता
हरियाणा महिला आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। आयोग ने पुलिस महानिदेशक से सोमवार तक जांच की रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा, आईपीएस अधिकारी को 30 अक्टूबर को महिला आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि आरोपित आईपीएस अधिकारी और उनकी सहयोगी महिला अधिकारियों को जिले से बाहर स्थानांतरित करने की आवश्यकता है ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
आईपीएस अधिकारी की पृष्ठभूमि
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह आईपीएस अधिकारी हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स में कार्यरत रह चुके हैं और कई बड़े अपराधियों और प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ कार्रवाई की है। जांच अधिकारी आस्था मोदी यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या गैंगस्टर और प्रॉपर्टी डीलरों ने इस आईपीएस अधिकारी को बदनाम करने के लिए कोई षड्यंत्र रचा है।
इस मामले का संबंध एक प्रॉपर्टी डीलर से भी है, जिसने आईपीएस अधिकारी के रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि डीलर ने डीलिंग के बावजूद प्रॉपर्टी नहीं दी, जिसके चलते मामला थाने तक पहुंचा।
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जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर ओलंपियन पहलवान और जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने भी अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने ट्वीट कर निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि जैसे पहलवानों के मामले में बेटियों के रक्षक ही भक्षक बन गए थे, उसी तरह इस बार भी हरियाणा की बेटियों के साथ पुलिस में हो रहा है।
विनेश ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि हरियाणा या केंद्र सरकार इन महिलाओं को न्याय दिला पाएगी। उन्होंने बताया कि पुलिस और राजनीतिक तंत्र अक्सर न्याय की आवाज को दबा देते हैं।
पुलिस संगठन की बैठक
हरियाणा पुलिस संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दिलावर सिंह ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को जींद में संगठन की बैठक बुलाई गई है। अभी तक पत्र लिखने वाली मुख्य पुलिसकर्मी से संपर्क नहीं हो पाया है, लेकिन अन्य पुलिस कर्मियों से बातचीत की जा रही है।
दिलावर सिंह ने कहा कि इस मामले में आगे की कार्रवाई का निर्णय बैठक में लिया जाएगा।
यह मामला हरियाणा में पुलिस प्रशासन की भूमिका और महिला सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर करता है। महिला पुलिस कर्मियों के यौन शोषण के आरोप न केवल गंभीर हैं, बल्कि समाज में पुलिस की छवि पर भी सवाल खड़े करते हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच का निष्कर्ष क्या निकलता है और सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेती है।